
अलविदा फ्रेडी
ओवल टेस्ट कई मायनों में इंग्लिश टीम के लिए यादगार रहा......ऐशेज़ सीरीज़ पर कब्जा करने के साथ ही इंग्लैंड के स्टार ऑलराउंडर एंड्रूय फ्लिटॉफ ने टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया है......ओवल टेस्ट में मिली शानदार जीत से इंग्लिश टीम ने अपने सबसे चहेते क्रिकेटर को यादगार विदाई दी है इंग्लिश टीम के खिलाड़ी अपने फ्रेडी को नम आंखों से विदाई तो दे दी लेकिन इतिहास हमेशा इस खब्बू क्रिकेटर को याद रखेगा क्योंकि ये क्रिकेटर हार कर नहीं बल्कि जीत का डंका बजाकर क्रिकेट से अलविदा कह रहा है..
फ्लिंटॉफ भले ही अब टेस्ट क्रिकेट में दोबारा नजर आए......लेकिन वर्ल्ड क्रिकेट के ऑलटाइम ग्रेट ऑलराउंडर्स में शुमार एंड्रयू फ्लिंटॉफ को क्रिकेट फैंस अपनी ताउम्र नहीं भूल पाएंगे... ओवल टेस्ट मे इंग्लैंड टीम की शानदार जीत ने जहां लाखो इंग्लिश क्रिकेट फैन्स को.....ऐशेज़ का यादगार तोहफा दिया.....वहीं फ्लिंटॉफ की टेस्ट क्रिकेट से विदाई ने क्रिकेट फैन्स की आंखों को नम भी कर दिया.....हालांकि ये फ्लिंटॉफ के बुलंद हौसलों का ही कमाल था.....कि घुटने की चोट के दर्द को मात देकर फ्लिंटॉफ ने ओवल टेस्ट के लिए खुद को फिट किया......
फ्लिंटॉफ भले ही अब टेस्ट क्रिकेट में दोबारा नजर आए......लेकिन वर्ल्ड क्रिकेट के ऑलटाइम ग्रेट ऑलराउंडर्स में शुमार एंड्रयू फ्लिंटॉफ को क्रिकेट फैंस अपनी ताउम्र नहीं भूल पाएंगे... ओवल टेस्ट मे इंग्लैंड टीम की शानदार जीत ने जहां लाखो इंग्लिश क्रिकेट फैन्स को.....ऐशेज़ का यादगार तोहफा दिया.....वहीं फ्लिंटॉफ की टेस्ट क्रिकेट से विदाई ने क्रिकेट फैन्स की आंखों को नम भी कर दिया.....हालांकि ये फ्लिंटॉफ के बुलंद हौसलों का ही कमाल था.....कि घुटने की चोट के दर्द को मात देकर फ्लिंटॉफ ने ओवल टेस्ट के लिए खुद को फिट किया......
इंग्लिश टीम के सबसे बड़े मैच विनर माने जाने वाले फ्लिंटॉफ.....ओवल टेस्ट में कुछ खास नहीं कर सके......लेकिन फ्लिंटॉफ की मैदान पर मौजूदगी ने ही इंग्लिश टीम के लिए टॉनिक का काम किया....साथ ही ऑस्ट्रेलिया कैंप में फ्लिंटॉफ की वापसी ने हड़कंप मचा दिया.....क्योकि ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पॉन्टिंग फ्लिंटॉफ का कहर.....साल 2005 की ऐशेज़ सीरीज़ में भी झेल चुके थे......तब अकेले फ्लिंटॉफ ही कंगारुओं टीम पर भारी पड़ गए थे......और एक बार फिर फ्लिंटॉफ ने कंगारुओं को हार के ताबूत तक पहुंचने का काम किया.....फ्लिंटॉफ ने मैच के चौथे दिन खतरनाक अंदाज में खेल रहे ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पॉन्टिंग को पैवेलियन भेजने में अहम भूमिका निभाई.....हस्सी के कॉल पर जैसे ही पॉन्टिंग एक रन लेने के लिए आगे बढ़े......तो मानो मिड ऑन पर खड़े फ्लिंटॉफ इसी मौके का इंतजार कर रहे थे.....फ्लिंटाफ ने चीते की फुर्ती से बॉल पकड़ी और स्टंप्स की बेल्स उड़ी दी.....और ऑस्ट्रेलियाई टीम को हार की ओर धकेल दिया.....ऐशेज़ में यादगार जीत दिलाकर फ्लिंटॉफ ने ना केवल इंग्लैंड को उसकी साख वापस दिलाई है.....बल्कि शानदार अंदाज में संन्यास लेकर क्रिकेट जानकारों को ये कहने पर मजबूर भी कर दिया है.....कि रिटायरमेंट हो.....तो ऐसा। शान से विदाई तो फ्रेडी ने टेस्ट क्रिकेट से ले ही ली है लेकिन फैंस को निराश होने की जरूरत नहीं क्योंकि फ्लिंटॉफ का जलवा वनडे क्रिकेट औऱ ट्वेंटी-ट्वेंटी में जरूर दिखता रहेगा..।
रजनीश कुमार स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट


कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.