sportskhabar.blogspot.in

sportskhabar.blogspot.in
खेल से खेल तक

मंगलवार, 25 अगस्त 2009

क्या कंगारू हुए कंगाल ?


पॉटिंग का सूर्य अस्त ?

ऑस्ट्रेलिया की बादशाहत अगर खत्म हुई है..तो उसमें पोन्टिंग का बैड लक भी शामिल रहा...जिस कप्तान ने लगातार दो वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया का झंडा बुलंद किया....2003 से टेस्ट रैंकिंग में अपनी टीम को नम्बर वन के दर्जे पर बनाए रखा...आज एक अदद जीत के लिए तरसता नज़र आ रहा है...अब इसे पॉन्टिंग का बैड लक नहीं कहेंगे तो क्या कहेंगे

एक खिलाड़ी
एक कप्तान
वो कभी ऑस्ट्रेलिया का सुरज हुआ करता था
लेकिन आज वो सूरज अस्त हो गया है
किसने सोचा था...कि एक वर्ल्ड चैम्पियन कप्तान औंधे मुंह ज़मीन पर गिर पड़ेगा.... वो भी इस तरह की फिर कभी उसे उठने का मौका ही नहीं मिलेगा... ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पॉन्टिंग कभी अपनी टीम पर नाज़ किया करते थे.... लेकिन किस्मत का फेर तो देखिए....आज मंज़र ऐसा है कि इस कप्तान को इसी की टीम ने कहीं का नहीं छोड़ा...

रिकी पॉन्टिंग की किस्मत ने ऐसी पलटी मारी...कि वो सीधे अर्श से फर्श पर आ गिरे..
पॉन्टिंग को ऐशेज़ सीरीज़ 2009 शुरू होने से पहले शायद ही ये अंदाज़ा रहा होगा...कि अगर सीरीज़ गंवाई तो एक ऐसा रिकॉर्ड उनके नाम हो जाएगा...जिसे हासिल करना कोई भी कंगारू कप्तान नहीं चाहेगा....
लेकिन अन्जाने में ही...पॉन्टिंग को ये सदमा भी लग गया...
1890 में बिली मर्डॉक के बाद पॉन्टिंग दूसरे ऐसे कप्तान बन गए, जिन्हें अपनी कप्तानी में इंग्लैंड की सरज़मीं पर लगातार दो एशेज़ सीरीज़ गंवानी पड़ी हो...
बतौर कप्तान पॉन्टिंग का ये हश्र...दर्शाने के लिए काफी है कि अब ये सुरज ढ़ल चुका है
हालांकि इस बीच यकीन करना भी थोड़ा मुश्किल है....कि जिस खिलाड़ी ने कप्तानी की ज़िम्मेदारी को बखूबी निभाते हुए...ऑस्ट्रेलियाई टीम को टेस्ट क्रिकेट में सालों तक नम्बर वन के पायदान पर बनाए रखा.... दो बार क्रिकेट वर्ल्ड कप का ताज पहनाया....आज वही कप्तान कटघरे में खड़ा है.... ऑस्ट्रेलियाई मीडिया, जो कभी अपने सुपर कप्तान के गुण गाया करती थी....आज उसी से सवाल पूछ रही है.... ज़ाहिर है जब किस्मत साथ छोड़ती है...तो इंसान को जवाब देना भी मुश्किल हो जाता है...पंटर यानी रिकी पॉन्टिंग के साथ भी अब कुछ ऐसा ही हो रहा है।


रजनीश कुमार स्पोर्ट्स खबर

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.