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खेल से खेल तक

शनिवार, 30 अक्टूबर 2010

वेस्टइंडीज़ एक इम्तिहान एक चैलेंज पार्ट-4



वेस्टइंडीज़ एक इम्तिहान एक चैलेंज पार्ट-4

वो ऐतिहासिक रात......


सेंट लूशिया में ...मैच कवरेज के दौरान एक बार फिर रवि , जिग्नेश और भवेश मिल गए ....(जो बारबाडोस में मिले थे....) हमें तो भारत की हर जीत या हार पर कमेंट करने वाले भारतीय चाहिए होते थे ..फीड भी जल्दी भेजनी होती थी ..इसलिए रोज उनको पकड़ लेते थे .......उन्हे क्रिकेट का अच्छा ज्ञान
भी था .....दोस्ती इतनी गहरी हो गई ..कि हमने उनके लंदन के नंबर भी ले लिए...वर्ल्ड कप में भारत का प्रदर्शन बेदह खराब रहा ...और धोनी की टीम वर्ल्ड कप से बाहर हो गई ..आधे जर्नालिस्ट ने सोचा ..कि अब वापसी करना ही बेहतर है.....क्योंकि फाइनल 6 दिन बाद था ......जिनकी प्लाइट बाद की थी ...उन्होंने सोचा कि क्यों ना पार्टी की जाए ..भारतीय टीम के होटल के करीब एक भारतीय रेस्टोरेट था ...राजमाताज ..सबने फैसला किया कि आज रात की पार्टी वहीं मनाई जाएगी ....हमें भी बुला लिया गया......मैं और मेरे कैमरापर्सन ..वाइन नहीं लेते थे ..इसलिए हम कोक पर ही खुश थे .... जाम पर जाम टकरा रहे थे ..क्योंकि खाने का किसी का मूड
नहीं था .....रात के करीब 10:30 बजे जिग्नेश मेरे पास आया ..और बोला ..कि बगल के बार में खिलाड़ियों का झगड़ा हुआ है....और एक फैन ने आशीष नेहरा कि शर्ट फाड़ने की कोशिश की ........इतना बोलते ही वो वहां से भाग गया...सबने सुना ..और बोले क्या बकवास करते हैं लोग.......खाना आ चुका था ..और हम लोग खाने पर टूट पड़े ..तभी मुझे ध्यान आया..कि जिग्नेश कुछ बोलकर गया है ..मैंने फौरन ...ऑफिस फोन लगाया ...और अपने
सीनीयर ऋषभ शर्मा को इसकी जानकारी दी ....जिग्नेश कहां है मुझे नहीं पता था..... इसी खबर पर सुबह के बुलेटिन में मेरा फोनो चलने लगा ..तभी मैंने एक बार फिर जिग्नेश , रवी और भवेश को ..सड़क पर देखा ..मैं भागते -भागते उनके पास गया ..और उनको फोन पर ले लिया.......इसके बाद मुझे ऋषभ भाई का फोन आया कि ये तुम्हारी जिंदगी की सबसे बड़ी स्टोरी हो सकती है ..इसलिए आई विटनेस्स की बाइट......बार ( टकिला जोस) का
वॉक थ्रू ..और बार मालिक की बाइट करो.....हमने होटल का बिल चुकाया..और भागते भागते होटल पहुंचे...रात के 12 बज चुके थे .....वापस जाने के लिए कोई टैक्सी नहीं मिली ...मुझे भारत से दूसरे चैनल्स के कॉल आने लगे.....मैंने फोन उठाना बंद कर दिया.......लेकिन इतनी रात कौन आईविटनेस मिलता......संयोग से .....रवी का लंदन वाला नंबर लग गया...मैंने उसको कहा कि मैं होटल आ रहा हूं ..तुम लोगों की बाइट लेनी है...होटल की मर्सिडिस
लेकर मैं उनके पास पहुंचा ... और उनसे पूरा झगड़े की आंखोंदेखी ली.....इसके बाद ....पैदल ही टकिला जोएस जाकर ..बार ओनर की बाइट रिकॉर्ड की ..जिसमें उसने झगड़े की बात कबूली.....अभी मैं बार का वॉक थ्रू कर ही रहा था ...कि कुच और फैंस ने आकर बताया कि ...वो भी झगड़े के दौरान वहीं मौजूद थे....उन्होने मुझे फोटो भी दिखाई लेकिन देने से इंकार कर दिया.....मैंने उनकी बाइट भी रिकॉर्ड कर ली......इसके बादज हम अपने होटल
आए...लेकिन कमरे का नेट डाउन था ...हमे रिसेप्शन पहुंचे...सारी लाइट्स ऑन की ..रात के 2 बज चुके थे ..स्पीड बहुत कम थी.....फिर भी कैप्चर करके भेजने की कोशिश की ..टेंशन बढ़ता जा रहा था....किसी तरह से नेट ठीक हो गया......और फीड जाने लगी ...उसके बाद ...हम अपने कमने में सोने के लिए पहुंचे...लेकिन तब तक खबर इतनी बड़ी हो चुकी थी ..कि मैं सारी रात सो ही नहीं पाया......हर बुलेटेन में फोनों चल रहा था ..और दूसरे
चैनल्स से भी फोन पर फोन आ रहे थे......सुबह हमारे चेनल के सीईओ सुधीर जी ने फोन करके मुबारक बाद दी ..तो लगा ..कि सचमें ही कुछ कर दिया है ...इतने मेल आ रहे जिसमें तारिफों के पुल बंधे थे ....इस दौरान जब मैं ..एक बार फिर टकिला जोएस पहुंचा तो वहां सारे पत्रकार मौजूद थे .....वो मुझे घूर रहे थे और किसी ने भी हैलो तक नहीं कहा .......बाद में पता लगा कि उन्होंने हमारा बॉयकॉट कर दिया है ..और अब वो......इस स्टोरी के खिलाफ
नेगेटिव स्टोरी चलाएंगे .......मैं थोड़ा नर्वस हो गया....लेकिन मन में विश्वास था ..कि सब ठीक हो जएगा......इस इरादे के साथ मैं फिर अपने काम में मस्त हो गया..... हम हर मौके पर मौजूद होते थे इसलिए किसी ट्रांसफर की जरुरत नहीं पड़ी ..जिसको चाहिए होता था ..वो हमसे ही लेता था ..वेस्टइंडिज
छोड़ने के बाद जब मैं लंदन पहुंचा ..तो एयरपोर्ट में मुझे नवभारत टाइम्स मिला..जिसके फ्रंट पेज पर लिखा था....7 भारतीय खिलाड़ियों को नोटिस..ये मेरी खबर पर मोहर लगने जैसा था ...मैं अखबार को उठाकर ...प्लेन में दौड़ने लगा .....सब लोग मुझे देख रहे थे ....एक पैसेंजर ने पूछा -क्या हुआ ......मैंने
कहा... कुछ नहीं .... बस आज खुद को सलाम करने का मन कर रहा है.........

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