
शूमाकर के लिए सड़के आसान नहीं !
हर खेल में कुछ ना कुछ ऐसे नाम हुए ...हैं ..जिनके नाम से खेल को जाना जाता है ...और उन्ही में से एक है...माइकल शूमाकर..जो एक बार फिर फॉर्मूला वन सर्किट में वापसी को तैयार हैं....फॉर्मूला वन या कार रेसिंग को जितनी पहचान ...माइकल शूमाकर ने दिलाई...उतनी शायद किसी ने नही ...भारत जैसे देश में जहां लोग क्रिकेट को दिवाने है...और दूसरे खेल के ज्यादातर खिलाड़ियों को नही जानते...लोकिन जो लोग दूसरे खेल के बारे में इंटरेस्ट रखते होगे ... शर्तिया कह सकता हूं कि वो ...माइकल शूमाकर के नाम से अनिभिज्ञ नही होंगे ...शूमाकर के नाम कई रिकॉर्ड दर्ज है ...वो 7 बा र फॉर्मूला वन चैंपियनशिप जीतने वाले ...अकेले ड्राइवर है....भला कोई कैसे भूल सकता है कि....साल 2000-2005 तक उन्होने 5 बार लगातार चैंपियनशिप जीतकर ...तहलका जो मचा दिया था......इसमें भी खास बात ये हैं कि ...साल 2002 में उन्होने सारी रेस में पोडियंम फिनिश किया...जिसे हासिल करने वाले वो एकलौते ड्राइवर है....जब शूमाकर अपने करियर की सुपर फॉर्म में थे ..उन दिनों मैं कॉलेज हुआ करता था...रोज़ अखबार में उनकी फोटो देखकर ..मेरा भी इंटरेस्ट ..फॉर्मूला वन की तरफ बढ़ा...शूमाकर मुझे बहुत अच्छे लगने लगे....मुझे याद है कि ...मैं उनका पोस्टर ढूढ़ने मार्केट में निकला ...लेकिन खरीद नही पाया......क्योंकि कोटद्वार ( मेरा गृह नगर )जैसी छोटी जगह में ये मुमकिन नही था.....रिटायरमेंट के अपने आखिरी साल में ...शूमाकर के करोड़ो फैंस की तरह मैं भी चाहता था ..कि वो चैंपियनशिप जीते...लेकिन तब ओलोंसों लय पकड़ चुके थे.....और शूमाकर के लिए फैरारी को दौड़ाना ..उतना आसान नही था.....वो कुछ ग्रा प्री जीतने के बाद ..तीसरे स्थान पर रहे...लेकिन फेरारी और फॉर्मूला वन को पॉपुलैरिटी दिलाने में शूमाकर का बड़ा हाथ रहा.....अब शूमाकर ...दोबारा वापसी को तैयार हैं....वो फेरारी के कंसलटेंट हैं...और फिलिपे मासा की चोट ने उन्हे सर्किट में लौटने के लिए मजबूर किया.....हालांकि ...2006 के बाद ये शूमाकर की पहली फॉर्मूला वन रेस होगी.....और बेशक सड़के उनके लिए नई ना हो ...लेकिन अब हालात बिलकुल जुदा होंगे....
रवीश बिष्ट ( खेल पत्रकार)
हर खेल में कुछ ना कुछ ऐसे नाम हुए ...हैं ..जिनके नाम से खेल को जाना जाता है ...और उन्ही में से एक है...माइकल शूमाकर..जो एक बार फिर फॉर्मूला वन सर्किट में वापसी को तैयार हैं....फॉर्मूला वन या कार रेसिंग को जितनी पहचान ...माइकल शूमाकर ने दिलाई...उतनी शायद किसी ने नही ...भारत जैसे देश में जहां लोग क्रिकेट को दिवाने है...और दूसरे खेल के ज्यादातर खिलाड़ियों को नही जानते...लोकिन जो लोग दूसरे खेल के बारे में इंटरेस्ट रखते होगे ... शर्तिया कह सकता हूं कि वो ...माइकल शूमाकर के नाम से अनिभिज्ञ नही होंगे ...शूमाकर के नाम कई रिकॉर्ड दर्ज है ...वो 7 बा र फॉर्मूला वन चैंपियनशिप जीतने वाले ...अकेले ड्राइवर है....भला कोई कैसे भूल सकता है कि....साल 2000-2005 तक उन्होने 5 बार लगातार चैंपियनशिप जीतकर ...तहलका जो मचा दिया था......इसमें भी खास बात ये हैं कि ...साल 2002 में उन्होने सारी रेस में पोडियंम फिनिश किया...जिसे हासिल करने वाले वो एकलौते ड्राइवर है....जब शूमाकर अपने करियर की सुपर फॉर्म में थे ..उन दिनों मैं कॉलेज हुआ करता था...रोज़ अखबार में उनकी फोटो देखकर ..मेरा भी इंटरेस्ट ..फॉर्मूला वन की तरफ बढ़ा...शूमाकर मुझे बहुत अच्छे लगने लगे....मुझे याद है कि ...मैं उनका पोस्टर ढूढ़ने मार्केट में निकला ...लेकिन खरीद नही पाया......क्योंकि कोटद्वार ( मेरा गृह नगर )जैसी छोटी जगह में ये मुमकिन नही था.....रिटायरमेंट के अपने आखिरी साल में ...शूमाकर के करोड़ो फैंस की तरह मैं भी चाहता था ..कि वो चैंपियनशिप जीते...लेकिन तब ओलोंसों लय पकड़ चुके थे.....और शूमाकर के लिए फैरारी को दौड़ाना ..उतना आसान नही था.....वो कुछ ग्रा प्री जीतने के बाद ..तीसरे स्थान पर रहे...लेकिन फेरारी और फॉर्मूला वन को पॉपुलैरिटी दिलाने में शूमाकर का बड़ा हाथ रहा.....अब शूमाकर ...दोबारा वापसी को तैयार हैं....वो फेरारी के कंसलटेंट हैं...और फिलिपे मासा की चोट ने उन्हे सर्किट में लौटने के लिए मजबूर किया.....हालांकि ...2006 के बाद ये शूमाकर की पहली फॉर्मूला वन रेस होगी.....और बेशक सड़के उनके लिए नई ना हो ...लेकिन अब हालात बिलकुल जुदा होंगे....
रवीश बिष्ट ( खेल पत्रकार)


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