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खेल से खेल तक

सोमवार, 14 फ़रवरी 2011

1992 वर्ल्डकप



पाकिस्तान ने रचा इतिहास

वर्ष 1992 में हुए विश्व कप की मेजबानी का मौक़ा मिला ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड को. इस विश्व कप में कई बदलाव किए गए. पहली बार दिन-रात के मैच हुए. मैच में खिलाड़ी रंगीन कपड़े पहनकर उतरे और उजले गेंदों का भी इस्तेमाल हुआ. अब पहले 15 ओवर के दौरान 30 गज के दायरे से बाहर सिर्फ़ दो खिलाड़ी ही रह सकते थे. इस नए नियम के कारण पिंच हिटर खिलाड़ी का जन्म हुआ और इस विश्व कप में इयन बॉथम ने यह तमग़ा हासिल किया. इसी विश्व कप में न्यूज़ीलैंड ने स्पिनर से गेंदबाज़ी की शुरुआत करके एक और नया प्रयोग किया.

रंगभेद की नीति के कारण लगी पाबंदी हटने के बाद पहली बार दक्षिण अफ़्रीका की टीम ने इस विश्व कप में हिस्सा लिया. नौ टीमों ने इस विश्व कप में हिस्सा लिया. टीमों को किसी ग्रुप में नहीं बाँटा गया. राउंड-रॉबिन के आधार पर 36 मैच खेले गए और चार शीर्ष टीमों को सेमी फ़ाइनल में प्रवेश मिला.

मौजूदा चैम्पियन और मेजबान ऑस्ट्रेलिया पर दबाव कुछ ज़्यादा ही था और उसे इसका नुक़सान ही हुआ. ऑस्ट्रेलिया की टीम अपना पहला मैच ही हार गई. ऑस्ट्रेलिया को दक्षिण अफ़्रीका ने भी हराया और इंग्लैंड ने भी. पाकिस्तान ने विश्व कप में अपनी शुरुआत काफ़ी ख़राब की. वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ पहला मैच वे 10 विकेट से हार गए. लेकिन उनके भाग्य ने पलटा खाया इंग्लैंड के ख़िलाफ़ मैच में. इंग्लैंड ने उन्हें सिर्फ़ 74 रन पर आउट कर दिया. लेकिन बारिश के कारण मैच रद्द हो गया और पाकिस्तान को एक अंक भी मिल गया जो बाद में उसके लिए काफ़ी अहम साबित हुआ. इसी एक अंक के अंतर के कारण ऑस्ट्रेलिया की टीम सेमी फ़ाइनल में नहीं पहुँच पाई और पाकिस्तान को मौक़ा मिला सेमी फ़ाइनल में जगह बनाने का.

न्यूज़ीलैंड और इंग्लैंड की टीमों ने भी राउंड रॉबिन मुक़ाबले में अच्छा प्रदर्शन किया. न्यूज़ीलैंड ने आठ में से सात मैच जीते, तो इंग्लैंड ने आठ में से पाँच. पहली बार विश्व कप में खेल रही दक्षिण अफ़्रीका की टीम ने भी अच्छा प्रदर्शन किया और इंग्लैंड के बाद तीसरे नंबर पर रही और उसे सेमी फ़ाइनल में जगह मिली. भारत की टीम सिर्फ़ दो मैच ही जीत पाई. हाँ, उसने पाकिस्तान को हराने में ज़रूर सफलता पाई. इसके अलावा उसे ज़िम्बाब्वे के ख़िलाफ़ ही जीत मिल पाई.

सेमी फ़ाइनल में न्यूज़ीलैंड का मुक़ाबला पाकिस्तान से हुआ तो दक्षिण अफ़्रीका की टीम इंग्लैंड से भिड़ी. पहले सेमी फ़ाइनल में पाकिस्तान को जीत के लिए 263 रनों का लक्ष्य मिला जिसे उन्होंने पूरा कर लिया और पहली बार फ़ाइनल में जगह बनाई. इंज़माम ने 60 रन बनाए तो मियाँदाद ने 57 रन. दूसरे सेमी फ़ाइनल में बारिश के कारण दक्षिण अफ़्रीका की जीतने की उम्मीदों पर पानी फिर गया. बारिश के कारण लक्ष्य फिर से निर्धारित करने के नए नियम की गाज दक्षिण अफ़्रीका पर गिरी. एक समय दक्षिण अफ़्रीका को जीत के लिए 13 गेंद पर 22 रन चाहिए थे. लेकिन बारिश क्या आई, लक्ष्य फिर से निर्धारित हुआ और फिर दक्षिण अफ़्रीका को एक गेंद पर 21 रन बनाने का लक्ष्य दिया गया. और इस तरह 20 रन से हारकर दक्षिण अफ़्रीका की उसके पहले विश्व कप से दुर्भाग्यपूर्ण विदाई हुई.

फ़ाइनल में पाकिस्तान के सामने थी इंग्लैंड की टीम. पाकिस्तान की टीम आक्रमक मूड में थी. डेरेक प्रिंगल ने 22 रन पर तीन विकेट लिए और पाकिस्तान के सलामी बल्लेबाज़ों को चलता कर दिया. लेकिन उसके बाद इमरान ख़ान (72) और जावेद मियाँदाद (58) ने पाकिस्तानी पारी संभाली. इंज़माम ने भी 42 रन बनाए और वसीम अकरम ने फटाफट 33 रन. पाकिस्तान ने 50 ओवर में छह विकेट पर 249 रन बनाए. जवाब में इंग्लैंड की शुरुआत की ख़राब रही और उसके चार विकेट सिर्फ़ 69 रन पर गिर गए. लेकिन नील फ़ेयरब्रदर और एलेन लैम्ब ने पारी संभाली. लेकिन लैंब और क्रिस लुईस को लगातार गेंदों पर चलता कर अकरम ने पाकिस्तान की जीत पक्की कर दी. पाकिस्तान ने 22 रन से जीत हासिल की और पहली बार विश्व कप का ख़िताब जीता।

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