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खेल से खेल तक

सोमवार, 14 फ़रवरी 2011

2003 वर्ल्डकप



ऑस्ट्रेलिया फिर बना चैंपियन

वर्ष 2003 का विश्व कप दक्षिण अफ़्रीका में आयोजित किया गया. साथ ही ज़िम्बाब्वे और कीनिया में भी कुछ मैच खेले गए. पहली बार विश्व कप में 14 टीमों ने हिस्सा लिया. सात-सात टीमों को दो ग्रुपों में बाँटा गया. हर ग्रुप से शीर्ष तीन टीमों को सुपर सिक्स में जगह मिली और फिर चार टीमें सेमी फ़ाइनल में पहुँचीं.

एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाली 11 टीमों के अलावा आईसीसी ट्रॉफ़ी की क्वालीफ़ाइंग तीन टीमों- कनाडा, नामीबिया और नीदरलैंड्स ने भी हिस्सा लिया. ग्रुप मैचों में ग्रुप ए से ज़िम्बाब्वे और ग्रुप बी से कीनिया का सुपर सिक्स में पहुँचना सबसे बड़ी घटना थी. इंग्लैंड, पाकिस्तान, दक्षिण अफ़्रीका और वेस्टइंडीज़ की टीमें पहले दौर में ही प्रतियोगिता से बाहर हो गईं.

ग्रुप ए से भारत, ऑस्ट्रेलिया और ज़िम्बाब्वे की टीम सुपर सिक्स में पहुँची, तो ग्रुप बी से श्रीलंका, कीनिया और न्यूज़ीलैंड की टीम. भारत ने छह में से पाँच मैच जीते, तो ऑस्ट्रेलिया ने छह में से छह मैच. सुपर सिक्स में न्यूज़ीलैंड की टीम एक ही मैच जीत पाई. कीनिया की टीम भी एक ही मैच जीती लेकिन लीग मैचों के आधार पर अंक लेकर सुपर सिक्स में आने का उसे लाभ हुआ और उसने सेमी फ़ाइनल में जगह बनाई. भारत और ऑस्ट्रेलिया के अलावा श्रीलंका भी सेमी फ़ाइनल में पहुँचा. भारत का मुक़ाबला कीनिया से हुआ और ऑस्ट्रेलिया की टीम श्रीलंका से भिड़ी.

सेमी फ़ाइनल में ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका का मैच विश्व चैम्पियन के लिए आसान नहीं रहा. श्रीलंका के गेंदबाज़ों की शानदार गेंदबाज़ी के कारण ऑस्ट्रेलिया की टीम 212 रन ही बना पाई. एंड्रयू साइमंड्स ने शानदार 91 रन बनाए. जबकि वास ने ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को परेशान रखा. बारी जब श्रीलंका की बल्लेबाज़ी की आई, तो ऑस्ट्रेलिया के तेज़ गेंदबाज़ों ने बेहतरीन गेंदबाज़ी का प्रदर्शन किया. ब्रेट ली ने तीन शीर्ष बल्लेबाज़ों को आउट कर श्रीलंका को परेशान रखा. बारिश के कारण डकवर्थ लुईस नियम के तहत श्रीलंका की टीम 48 रन से हार गई. श्रीलंका ने 38.1 ओवर में सात विकेट पर 123 रन ही बनाए थे.

दूसरे सेमी फ़ाइनल में भारत और कीनिया का मुक़ाबला हुआ. सौरभ गांगुली और सचिन तेंदुलकर की शानदार बल्लेबाज़ी की बदौलत भारत ने 91 रनों से आसान जीत दर्ज कर दूसरी बार विश्व कप के फ़ाइनल में जगह बनाई. लेकिन 20 साल बाद विश्व कप के फ़ाइनल में पहुँची भारतीय टीम की फ़ाइनल में दुर्दशा हुई. ऑस्ट्रेलिया ने पहले खेलते हुए 359 रनों का विशाल लक्ष्य खड़ा किया. जवाब में भारत की पूरी टीम 234 रन पर आउट हो गई. रिकी पोंटिंग ने धमाकेदार 140 रन बनाए तो डेमियन मार्टिन ने 88 रन. भारत की टीम 125 रन से हारी और ऑस्ट्रेलिया ने लगातार दूसरी बार विश्व कप पर क़ब्ज़ा किया।

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