
भारत की सर्वोच्च वरीयता प्राप्त महिला टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा ने अपने देश के प्रशंसकों की जबरदस्त हौसला अफजाई के बीच 50 हजार डालर ईनामी अंतरराष्ट्रीय टेनिस महासंघ [आईटीएफ] लेक्सिंग्टन चैलेंजर टेनिस टूर्नामेंट का एकल खिताब जीत लिया। सानिया ने छह साल बाद कोई चैलेंजर खिताब जीता है।
सानिया ने मुकाबलें में फ्रांस की जूली कोइन को 7-6, 6-4 से हराया। सानिया ने सेमीफाइनल मुकाबले में चीन की खिलाड़ी युआन मेंग को तीन सेट तक चले मुकाबले के बाद 6-1, 4-6, 6-4 से हराया था। विश्व की 83वीं वरीयता प्राप्त खिलाड़ी सानिया को अपने करियर का दूसरा चैलेंजर खिताब हासिल करने के लिए छह साल इंतजार करना पड़ा। इससे पहले सानिया ने 2003 में चैलेंजर खिताब जीता था। अगस्त में खेले जाने वाले साल के चौथे ग्रैंड स्लैम अमेरिकी ओपन के लिहाज से सानिया की यह जीत काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
सानिया इसको लेकर खासा उत्साह थी। आयोजन समिति के एक सदस्य ने बताया, 'सानिया का कद बहुत बढ़ा है। उन्हे यहां खेलते देख आसपास के सभी भारतीय टेनिस प्रेमी यहां पहुंच गए थे। इनमें केंटुकी विश्वविद्यालय के छात्र और सेंट्रल केंटुकी शहर के भारतीय मूल के लोग शामिल है। सबने सानिया की जबरदस्त हौसलाअफजाई की।' जीत के बाद सानिया ने कहा, 'मैं अपने प्रदर्शन से खुश हूं। मेरी सबसे बड़ी ताकत यह है कि मेरे फोरहैड शॉट को कोई नहीं समझ सकता। मैं फोरहैड शॉट कहीं भी लगा सकती हूं। फोरहैड की ताकत और अनुभव के कारण मुझे जीत मिली है। मैं इससे खुश हूं।'
सानिया ने मुकाबलें में फ्रांस की जूली कोइन को 7-6, 6-4 से हराया। सानिया ने सेमीफाइनल मुकाबले में चीन की खिलाड़ी युआन मेंग को तीन सेट तक चले मुकाबले के बाद 6-1, 4-6, 6-4 से हराया था। विश्व की 83वीं वरीयता प्राप्त खिलाड़ी सानिया को अपने करियर का दूसरा चैलेंजर खिताब हासिल करने के लिए छह साल इंतजार करना पड़ा। इससे पहले सानिया ने 2003 में चैलेंजर खिताब जीता था। अगस्त में खेले जाने वाले साल के चौथे ग्रैंड स्लैम अमेरिकी ओपन के लिहाज से सानिया की यह जीत काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
सानिया इसको लेकर खासा उत्साह थी। आयोजन समिति के एक सदस्य ने बताया, 'सानिया का कद बहुत बढ़ा है। उन्हे यहां खेलते देख आसपास के सभी भारतीय टेनिस प्रेमी यहां पहुंच गए थे। इनमें केंटुकी विश्वविद्यालय के छात्र और सेंट्रल केंटुकी शहर के भारतीय मूल के लोग शामिल है। सबने सानिया की जबरदस्त हौसलाअफजाई की।' जीत के बाद सानिया ने कहा, 'मैं अपने प्रदर्शन से खुश हूं। मेरी सबसे बड़ी ताकत यह है कि मेरे फोरहैड शॉट को कोई नहीं समझ सकता। मैं फोरहैड शॉट कहीं भी लगा सकती हूं। फोरहैड की ताकत और अनुभव के कारण मुझे जीत मिली है। मैं इससे खुश हूं।'
रजनीश कुमार स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट


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