लंदन ओलंपिक में भारतीय बैडमिंटन
लंदन ओलंपिक अब अपने आखिरी पड़ाव पर आ चुका है... और अब भारत की मेडल की उम्मीदें सिर्फ रेसलर्स से ही बची हैं... लेकिन खेलों के इस महाकुंभ में रेसलिंग के अलावा दूसरे ऐसे कई खेल थे... जिनमें भारत को सफलता कम और निराशा ज्यादा हाथ लगी। बात करे बैडमिंटन की... तो यहां सायना नेहवाल ने जहां सबसे बड़ी सफलता हासिल की... और भारत को मेडल दिलाया... तो भारत के दूसरे बैडमिंटन खिलाड़ी पूरी तरह फ्लॉप ही रहे।
लंदन ओलंपिक 2012 में
भारतीय शटल स्टार्स ने किया कमाल
'बैडमिंटन क्वीन' सायना नेहवाल ने..
मेडल जीतकर रचा इतिहास
तो कश्यप ने भी जीता दिल
लेकिन ज्वाला, पोनप्पा और दीजू..
हुए पूरी तरह फेल
खेलों के महाकुंभ यानि लंदन ओलंपिक के बैडमिंटन इवेंट में भारतीय शटलर्स ने वो कर दिखाया जिसकी शायद ही किसी को उम्मीद थी...सुपर सायना ने बैडमिंटन मे भारत को पहला पदल दिलाकर इस स्पोर्ट को नए मुकाम तक पहुचा दिया...वहीं मेंस सिंगल्स मे पी कश्यप पदक तो नहीं दिला सके लेकिन उन्होंने से अपने खेल से सभी को impress जरूर किया....लेकिन ज्वाला पोनप्पा और दीजू उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पाए...आईए एक नजर डालते है भारतीय बैडमिंटन के ओलंपिक सफर पर...
सबसे पहले बात करते है लंदन ओलंपिक में सुपर हिट साबित हुई सायना नेहवाल की
PLATE GFX :- सायना नेहवाल रही सुपर हिट
लंदन ओलंपिक में भारत के लिए बैडमिंटन में पहला मेडल जीत कर इतिहास रचने वाली सायना नेहवाल ने दिखाया कि उन्हें यूँ ही भारत की बैंडमिंटन क्वीन नहीं कहा जाता....अपनी मेहनत, हिम्मत और लगन से खेलों के महाकुंभ कहे जाने वाले ओलंपिक मे ब्रान्ज़ मेडल जीत भारत की सायना ने आसमान की ऊंचाइयों पर अपना नाम लिख लिया है...लंदन ओलंपिक में सायना के सफर की बात करें तो ... अपना आक्रमक खेल दिखाने वाली सायना ने बड़ी आसानी से ग्रुप स्टेज को पार कर क्वार्टरफाइल में और फिर सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की की... जहां उनका समाना हुआ दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी चीन की WANG YIHAN से....WANG की चुनौती को सायना पार नहीं कर पाई और गोल्ड की दौड़ से बाहर हो गईं..लेकिन सायना ने ओलंपिक सेमीफाइनल में जगह बना बैडमिंटन में मेडल जीत.. भारत के लिए इतिहास जरूर रचा दिया...
पारुपल्ली कश्यप
लंदन ओलंपिक के मेन्स बैडमिंटन सिंगल्स में भारत के लिए स्टार बनकर उभरे...पी कश्यप....ओलंपिक शुरू होने से पहले उनसे किसी ने भी कुछ खास उम्मीद नहीं की थी...लेकिन कश्यप ने क्वार्टर फाइनल में जगह पक्की कर ना सिर्फ अपने TALENT क सबूत दिया... बल्कि साबित कर दिया की आगे जाकर वो भारत को ऐसे ही बड़े टूर्नामेंट में पदक दिलाने का मद्दा रखते है. ....ओलंपिक क्वार्टर फाइनल में पहुंचने वाले कश्यप भारत के पहले पुरुष खिलाड़ी बने... हालांकि सेमीफाइनल में वो नहीं पहुंच पाए.... लेकिन दुनिया के नंबर वन खिलाड़ी को उन्होंने अच्छी चुनौती दी...जो काबिलेतारीफ है...
ज्वाला, दीजू और अश्विनी पोनप्पा
सायना नेहवाल और पी कश्यप ने लंदन ओलंपिक के बैंडमिंटन इवेंट के सिंगल्स में... भारत को नई पहचान दिलाई... लेकिन मिक्स्ड डबल्स में ज्वाला गुट्टा और वी दीजू की जोड़ी एकदम फ्लॉप रही...ग्रुप लेवल के अपने सारे मुकाबलों में एकतरफा हार झेलने वाली ज्वाला-दीजू की जोड़ी ने ओलंपिक में अपने फैंस को पूरी तरह निराश कर दिया...ऐसा ही कुछ हाल महिलाओं के डबल्स में ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा का भी रहा... हालाकिं इस जोड़ी ने खराब शुरूआत के बाद वापसी की लेकिन जीत के बावजूद ज्वाला और अश्विनी थोड़ी दुर्भाग्यशाली रही... ग्रुप स्टेज का अपना पहला मुकाबला हारने के बाद...ज्वाला और अश्विनी की जोड़ी ने अपने दूसरे मैच में वापसी की ... लेकिन समीकरणों में उलझकर वो क्वार्टर फाइनल में नहीं पहुंच पाई.
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