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खेल से खेल तक

सोमवार, 13 अगस्त 2012


लंदन ओलंपिक में भारतीय टेनिस का निकला दम लंदन ओलंपिक का आगाज़  होने से पहले ही...भारत के टेनिस खिलाड़ी आपसी गुटबाज़ी में उलझे थे...बावजूद इसके फैंस को उम्मीद थी कि लंदन गई बड़े बड़े दिग्गजों की टीम... जरूर कोई कारनामा करेगी.... लेकिन लंदन ओलंपिक में इन दिग्गजों का प्रदर्शन देखकर ऐसा लगा... मानो टेनिस की टेंशन दूर हुई ही नहीं थी। देखिए कैसे खेलों के सबसे बड़े महाकुंभ में भारतीय टेनिस खिलाड़ियों ने उम्मीदों को तार-तार कर दिया। लंदन ओलंपिक में...उदास चेहरों के साथ फैंस की उम्मीदों पर पानी फेरने वाले भारतीय टेनिस के ये खिलाड़ी....ना तो मेडल का सपना पूरा कर पाएं...और ना ही हिंदुस्तानियों का दिल जीतने में कामयाब हो सके....लंदन ओलंपिक से पहले भारतीय टेनिस मे जो विवादों का कड़वा बीज बोया गया था...उसका परिणाम आज पुरी दुनिया के सामने है...लिएंडर पेस...महेश भूपति..सानिया मिर्जा समेत 7 सदस्यीय टीम जब विवादों का दामन थामकर लंदन पहुंचे... तो हर किसी की जुबां पर यही था...कि इस बार टेनिस में मेडल मिलना तय है...लेकिन जब मुकाबला शुरू हुआ...तो महेश भूपति की जिद का असर कोर्ट पर खूब दिखाई दिया....भूपति और बोपन्ना नै मनचाही जोड़ी तो बनाई गई...लेकिन मनचाहा नतीजा देने में हर उनके साथ हर खिलाड़ी नाकाम रहा.... लंदन ओलंपिक में महेश भूपति और रोहन बोपन्ना ओलंपिक में जोड़ी बनाने को लेकर... चयन विवाद को जन्म देने वाले महेश भूपति और रोहन बोपन्ना को इस खेलों के महाकुंभ में मेंस डबल्स के दूसरे राउंड में हार का सामना करना पड़ा... भूपति और बोपन्ना की सातवीं वरीयता प्राप्त जोड़ी को जुलियन बेनातू और रिचर्ड गास्केट की फ्रांसीसी जोड़ी के हाथों शिकस्त का सामना करना पड़ा था। विवादों में सबसे आगे रहने वाले भूपति मेडल की दौड़ में सबसे पीछे नजर आए। लंदन ओलंपिक में लिएंडर पेस और विष्णु वर्धन मेंस डबल्स कैटेगरी में लिएंडर पेस और उनके जोड़ीदार विष्णु वर्धन से ...हर फैंस मेडल की उम्मीद लगाए बैठा था...लेकिन पेस और विष्णु की जोड़ी को... दूसरे राउंड में ही शिकस्त का सामना करना पड़ा....हालांकि कमजोर जोड़ीदार होने के बावजूद पेस ने हिम्मत तो दिखाई...लेकिन ग्रास कोर्ट पर ज्यादा देर पेस और विष्णु अपना सफर जारी रखने में कामयाब नहीं हो सके.... सिंगल्स कैटेगरी में भी फेल भारतीय टेनिस के उभरते सितारे सोमदेव देवबर्मन लंदन ओलंपिक में मेंस सिंगल्स कैटेगरी के पहले राउंड में फिनलैंड के जाकरे निमिनेन से हार गए...तो वहीं विष्णु वर्धन भी सिंगल्स कैटेगरी में कोई खास कमाल नहीं दिखा सके थे...डबल्स में निराशा हाथ लगने के बाद सिंगल्स में मेडल की चुनौती काफी पहले खत्म हो गई थी.... सानिया-रूश्मि ने भी तोड़ा दिल ओलंपिक में मेडल की सबसे तगड़ी दावेदार मानी जाने वाली...सानिया और रूश्मि चक्रवर्ती की जोड़ी ने... डबल्स कैटेगरी के पहले राउंड में ही अपने फैंस का दिल तोड़ दिया... मेडल से चूकने के बाद दोनों ने यहां तक कह दिया कि हम कभी मेडल की रेस में थे ही नहीं.... पेस-सानिया का भी नहीं चला जादू लंदन में मेडल की लड़ाई में  सानिया और पेस की जोड़ी फैंस की उम्मीदों पर उतरने की कोशिश तो की...लेकिन वो भी जयादा देर टिक नही पाए...मिक्सड डबल्स कैटेगरी के क्वार्टरफाइनल में पहुंचकर सानिया और पेस ने मेडल की उम्मीद तो जगाई.. लेकिन विवादों का बोझ इतना भारी था कि...सफलता भी पेस और सानिया के कदम चूमने से इनकार कर दिया...सानिया और पेस को क्वार्टरफाइनल में बेलारूस की विक्टोरिया अजारेंका और मैक्स मिर्नी की जोड़ी से 5-7, 6-7  से हार का सामना करना पड़ा... गौरतलब है कि टेनिस में खाली हाथ लौटने के बाद खिलाड़ियों की आलोचना तो नही की जा रही... लेकिन खेल मंत्रालय ने ओलंपिक के लिए टेनिस खिलाडियों की तैयारियों के लिए जिन तीन करोड़ 49 लाख रपए का भारी भरकम खर्च किया ... अब वो बेमानी सा लगने लगा है...क्योंकि लंदन ओलंपिक में टेनिस स्टार मेडल नहीं बल्कि विवादों का ऐसा पुलिंदा छोड़ गए जिसे फैंस कभी नही भूल पाएंगे...बहरहाल अब लंदन ओलंपिक में हार का पोस्टमार्टम कर रहे दिग्गजों का मानना है कि खेलों के इस महाकुंभ में टेनिस का निरर्थक डांस के अलावा कुछ भी देखने को नहीं मिला... रजनीश कुमार खेल पत्रकार

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