दिल्ली टेस्ट में जीत... भारतीय क्रिकेट के इतिहास की सबसे बड़ी जीत है... वो जीत जो टीम इंडिया को 81 साल के लंबे अंतराल के बाद मिली है... दूसरे लफ्जों में कहें... तो जो कारनामा सुनील गावस्कर ... कपिल देव ... और अज़हरुद्दीन जैसे कप्तान नहीं कर सके वो धोनी ने कर दिखाया।
भारतीय क्रिकेट का सबसे सुनहरा दिन
इतिहास के पन्नों में अमर हो गई
24 मार्च 2013 की तारीख
क्योंकि मिली है
इतिहास की सबसे
'बड़ी जीत'
जी हां...भारतीय क्रिकेट के इतिहास में जीत तो बहुत सी देखी...लेकिन ऐसी ऐतिहासिक जीत 81 सालों के लंबे इतिहास में पहली बार नसीब हुई है...टीम इंडिया को हासिल हुआ है वो मुकाम...जिसे पटौदी...अहज़र...कपिल...गावस्कर...और गांगुली जैसे धुरंधर भी हासिल ना कर सके...4-0 की क्लीन स्वीप का ऐसा धमाका...धोनी के धुरंधरों ने कर दिखाया है...वो भी मज़बूत मानी जाने वाली कंगारू टीम के खिलाफ...
relief
टीम इंडिया ने हासिल की ऐसी जीत...जिसने 15 महीने पहले ऑस्ट्रेलिया में मिले हार के उन जख्मों पर ठीक वैसा ही मरहम लगाया...जैसे ही शिक्स्त के घाव सीने पर लगे थे...इस जीत के मायने कामयाबियों के इतिहास में सबसे खास है...
क्योंकि कंगारूओं के खिलाफ इससे पहले कभी भी टीम इंडिया को 4-0 से जीत नहीं मिली...और तो और कभी वर्ल्डक्रिकेट पर राज करने वाली खुद कंगारू टीम को 43 सालों के इतिहास में पहली बार 0-4 की बड़ी हार का सामना करना पड़ा है...
और तो और इस सीरीज़ में सबसे खास रहा...टीम इंडिया का गिर कर संभलना...और यंगिस्तान का वो जलवा...जिसने कंगारूओं के गुरुर को रौंध कर रख दिया...ज़ाहिर है 24 मार्च का ऐतिहासिक दिन जश्न का दिन है...भारतीय क्रिकेट में उस त्यौहार का दिन है...जिसने होली से पहले ही जीत के रंगों से सराबौर कर करोड़ों फैंस को ऐसी जीत का तोहफा दिया है...जैसी इससे पहले ना कभी देखी...ना सुनी।...वाकई ये भारतीय क्रिकेट के इतिहास में सबसे बड़ी जीत के जश्न का दिन है।
लेखक
रजनीश कुमार
रविवार, 24 मार्च 2013
दिल्ली में टीम इंडिया ने रचा इतिहास ---ऑस्ट्रेलिया को 4-0 से हराया
दिल्ली टेस्ट में जीत... भारतीय क्रिकेट के इतिहास की सबसे बड़ी जीत है... वो जीत जो टीम इंडिया को 81 साल के लंबे अंतराल के बाद मिली है... दूसरे लफ्जों में कहें... तो जो कारनामा सुनील गावस्कर ... कपिल देव ... और अज़हरुद्दीन जैसे कप्तान नहीं कर सके वो धोनी ने कर दिखाया।
भारतीय क्रिकेट का सबसे सुनहरा दिन
इतिहास के पन्नों में अमर हो गई
24 मार्च 2013 की तारीख
क्योंकि मिली है
इतिहास की सबसे
'बड़ी जीत'
जी हां...भारतीय क्रिकेट के इतिहास में जीत तो बहुत सी देखी...लेकिन ऐसी ऐतिहासिक जीत 81 सालों के लंबे इतिहास में पहली बार नसीब हुई है...टीम इंडिया को हासिल हुआ है वो मुकाम...जिसे पटौदी...अहज़र...कपिल...गावस्कर...और गांगुली जैसे धुरंधर भी हासिल ना कर सके...4-0 की क्लीन स्वीप का ऐसा धमाका...धोनी के धुरंधरों ने कर दिखाया है...वो भी मज़बूत मानी जाने वाली कंगारू टीम के खिलाफ...
relief
टीम इंडिया ने हासिल की ऐसी जीत...जिसने 15 महीने पहले ऑस्ट्रेलिया में मिले हार के उन जख्मों पर ठीक वैसा ही मरहम लगाया...जैसे ही शिक्स्त के घाव सीने पर लगे थे...इस जीत के मायने कामयाबियों के इतिहास में सबसे खास है...
क्योंकि कंगारूओं के खिलाफ इससे पहले कभी भी टीम इंडिया को 4-0 से जीत नहीं मिली...और तो और कभी वर्ल्डक्रिकेट पर राज करने वाली खुद कंगारू टीम को 43 सालों के इतिहास में पहली बार 0-4 की बड़ी हार का सामना करना पड़ा है...
और तो और इस सीरीज़ में सबसे खास रहा...टीम इंडिया का गिर कर संभलना...और यंगिस्तान का वो जलवा...जिसने कंगारूओं के गुरुर को रौंध कर रख दिया...ज़ाहिर है 24 मार्च का ऐतिहासिक दिन जश्न का दिन है...भारतीय क्रिकेट में उस त्यौहार का दिन है...जिसने होली से पहले ही जीत के रंगों से सराबौर कर करोड़ों फैंस को ऐसी जीत का तोहफा दिया है...जैसी इससे पहले ना कभी देखी...ना सुनी।...वाकई ये भारतीय क्रिकेट के इतिहास में सबसे बड़ी जीत के जश्न का दिन है।
लेखक
रजनीश कुमार
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