कैंसर के खिलाफ इस जंग में वैसे तो युवराज सिंह का कई साथियों ने साथ दिया...तो वहीं फैंस की दुआएं भी रंग लाईं ...लेकिन युवी का एक दोस्त ऐसा भी रहा ... जिसने युवराज को इस गंभीर बीमारी से निजात दिलाने के लिए एक ऐसा तरीका अपनाया ... जिसे जानकार शायद आपके होंठो पर भी मुस्कान आ जाए ... तो युवराज को तो हंसना ही था ... कौन है युवराज का वो दिलचस्प साथी
क्रिकेट की पिच पर जीत का जश्न मनाते ... औऱ आपस में मज़ाक करते युवराज और हरभजन सिंह की दोस्ती की ऐसी हज़ारों तस्वीरें ... कई बार देखने को मिली हैं। लेकिन कैंसर से ज़िंदगी की जंग लड़ने के दौरान ... दोस्ती की जो मिसाल भज्जी ने पेश की ... उसे युवराज अपने दिल के सबसे करीब मानते हैं। अपनी किताब में युवराज ने लिखा है कैसे इलाज के दौरान ... उनसे मिलने और बात करने वाला हर शक्स ... उनकी सेहत और जल्द ठीक होने की बातें किया करता था। लेकिन इस दौरान वो सिर्फ हरभजन सिंह ही थे जिन्होंने कभी ... युवी को इस बात का अहसास नहीं होने दिया कि उनकी जंग कैंसर जैसी बीमारी से जारी थी।
Harbhajan Singh ... (मैं उसके हालात समझ सकता था क्योंकि मैं भी कुछ ऐसे ही हालात से गुज़र चुका था ... जब मैं काफी छोटा था तब मेरे पिता की मौत हो गई थी । लेकिन यहां सवाल परिवार में किसी की जान का नहीं ... बल्कि खुद युवराज की ज़िंदगी का था औऱ वो लड़ाई भी आसान नहीं थी )
यही वजह थी कि युवराज के किसी दूसरे शुभचिंतक की तरह भज्जी ने युवराज से कभी उनके दर्द की बात नहीं की ... दिल में अपने दोस्त की ज़िंदगी की दुआ और ज़ुबान पर मज़ाकिया लहज़े में भज्जी लगातार युवराज से उन लम्हों की बातें किया करते थे ... जब दोनों ने एक साथ मिलकर क्रिकेट की ABCD सीखने के अलावा ... ज़िंदगी की नीजि बातें भी साझा की थीं ।
Harbhajan Singh (मैं युवी से बातें करता था कि याद है जब हम साथ में Under-16-19 क्रिकेट खेला करते थे। उस दौरान हम कैसे मज़ाक करते थे ... मैं इससे लड़कियों की बातें भी करता था कि आजकल किसे घुमा रहा है ... कल किसे घुमाएगा ...मुझे किससे मिलवाएगा ?)
अपने इलाज के दौरान भज्जी का यही वो अपनापन था ... जिसके युवराज भी कर्ज़दार बन गए ... और इसीलिए उन्होंने ये कहने में भी बिल्कुल देर नहीं लगाई कि हरभजन मेरा दोस्त नहीं ... बल्कि भाई है।
वैसे भी कहते हैं कि सच्चा दोस्त वही होता है ... जो अच्छे और बुरे हर हालात में आपका साथ दे ... ऐसे में युवी और भज्जी की जोड़ी को दोस्तों की सबसे मज़बूत जोड़ियों में गिना जा सकता है ... जो आज एक मिलास भी बन चुकी है।
लेखक
रजनीश कुमार
http://www.youtube.com/watch?v=Nsj7YWuj9yA
बुधवार, 20 मार्च 2013
युवराज मेरा दोस्त नहीं ..भाई है---हरभजन सिंह
कैंसर के खिलाफ इस जंग में वैसे तो युवराज सिंह का कई साथियों ने साथ दिया...तो वहीं फैंस की दुआएं भी रंग लाईं ...लेकिन युवी का एक दोस्त ऐसा भी रहा ... जिसने युवराज को इस गंभीर बीमारी से निजात दिलाने के लिए एक ऐसा तरीका अपनाया ... जिसे जानकार शायद आपके होंठो पर भी मुस्कान आ जाए ... तो युवराज को तो हंसना ही था ... कौन है युवराज का वो दिलचस्प साथी
क्रिकेट की पिच पर जीत का जश्न मनाते ... औऱ आपस में मज़ाक करते युवराज और हरभजन सिंह की दोस्ती की ऐसी हज़ारों तस्वीरें ... कई बार देखने को मिली हैं। लेकिन कैंसर से ज़िंदगी की जंग लड़ने के दौरान ... दोस्ती की जो मिसाल भज्जी ने पेश की ... उसे युवराज अपने दिल के सबसे करीब मानते हैं। अपनी किताब में युवराज ने लिखा है कैसे इलाज के दौरान ... उनसे मिलने और बात करने वाला हर शक्स ... उनकी सेहत और जल्द ठीक होने की बातें किया करता था। लेकिन इस दौरान वो सिर्फ हरभजन सिंह ही थे जिन्होंने कभी ... युवी को इस बात का अहसास नहीं होने दिया कि उनकी जंग कैंसर जैसी बीमारी से जारी थी।
Harbhajan Singh ... (मैं उसके हालात समझ सकता था क्योंकि मैं भी कुछ ऐसे ही हालात से गुज़र चुका था ... जब मैं काफी छोटा था तब मेरे पिता की मौत हो गई थी । लेकिन यहां सवाल परिवार में किसी की जान का नहीं ... बल्कि खुद युवराज की ज़िंदगी का था औऱ वो लड़ाई भी आसान नहीं थी )
यही वजह थी कि युवराज के किसी दूसरे शुभचिंतक की तरह भज्जी ने युवराज से कभी उनके दर्द की बात नहीं की ... दिल में अपने दोस्त की ज़िंदगी की दुआ और ज़ुबान पर मज़ाकिया लहज़े में भज्जी लगातार युवराज से उन लम्हों की बातें किया करते थे ... जब दोनों ने एक साथ मिलकर क्रिकेट की ABCD सीखने के अलावा ... ज़िंदगी की नीजि बातें भी साझा की थीं ।
Harbhajan Singh (मैं युवी से बातें करता था कि याद है जब हम साथ में Under-16-19 क्रिकेट खेला करते थे। उस दौरान हम कैसे मज़ाक करते थे ... मैं इससे लड़कियों की बातें भी करता था कि आजकल किसे घुमा रहा है ... कल किसे घुमाएगा ...मुझे किससे मिलवाएगा ?)
अपने इलाज के दौरान भज्जी का यही वो अपनापन था ... जिसके युवराज भी कर्ज़दार बन गए ... और इसीलिए उन्होंने ये कहने में भी बिल्कुल देर नहीं लगाई कि हरभजन मेरा दोस्त नहीं ... बल्कि भाई है।
वैसे भी कहते हैं कि सच्चा दोस्त वही होता है ... जो अच्छे और बुरे हर हालात में आपका साथ दे ... ऐसे में युवी और भज्जी की जोड़ी को दोस्तों की सबसे मज़बूत जोड़ियों में गिना जा सकता है ... जो आज एक मिलास भी बन चुकी है।
लेखक
रजनीश कुमार
http://www.youtube.com/watch?v=Nsj7YWuj9yA
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