ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऐतिहासिक जीत हासिल करने में भारतीय स्पिनर्स का भी अहर रोल रहा... खासतौर पर आर अश्विन की फिरकी कंगारुओं के लिए किसी काल से कम साबित नहीं हुई... अश्विन ने सीरीज़ में सबसे ज्यादा 29 विकेट हासिल किए... और मैन ऑफ द सीरीज़ भी बने।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज़ में चली ये टीम इंडिया के फिरकी के फनकार...यानि आर.अश्विन की आंधी ही थी...जिसने पूरी सीरीज़ के दौरान कंगारूओं की कमर तोड़े रखी...पहले घमासान से लेकर आखिरी मुकाबले तक अश्विन की मार से कंगारू थर्राते ही नज़र आए...
ज़रा इन आंकड़ों पर नजर डालिए
सीरीज़ के पहले यानि चेन्नई टेस्ट में आर.अश्विन ने कुल 12 कंगारूओं का शिकार किया...हैदराबाद में अश्विन ने 6 विकेट झटके...और मोहाली में फिरकी के इस उस्ताद को 4 विकेट हासिल हुए...और कोटला में तो कंगारूओं पर अश्विन सबसे बड़ी आफत बन कर टूटे...सीरीज़ के आखिरी टेस्ट में अश्विन ने 7 विकेट झटक...सीरीज़ में अपनी विकेटों की संख्या...29 तक पहुंचा दी...
कंगारूओं के खिलाफ फिरकी के उस्ताद..यानि आर.अश्विन के आंतक की यही वो कहानी रही...जिसने बल्लेबाज़ों के बोलबाले के बीच...खुद की ऐसी कहानी लिखी...जिसकी वजह से उन्हें इस ऐतिहासिक सीरीज़ के बीच मैन ऑफ द सीरीज़ के खिताब से नवाज़ा गया...
ज़ाहिर है...कंगारूओं के खिलाफ चेन्नई से शुरु हुए आर.अश्विन के सफर ने... दिल्ली तक आते-आते भारतीय स्पिन के इतिहास में वो इम्तिहान पास किया...जिसके बाद ये कहा जा सकता है...कि भारतीय क्रिकेट में फिरकी के फनकार रहे कुंबले और हरभजन सिंह जैसे दिग्गजों की विरासत सही हाथों में है...जिसकी सबसे बड़ा उदहारण...आर.अश्विन की उड़ान के रुप में दुनिया के सामने है।
लेखक
रजनीश कुमार
रविवार, 24 मार्च 2013
आर. अश्विन बने मैन ऑफ द सीरीज
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऐतिहासिक जीत हासिल करने में भारतीय स्पिनर्स का भी अहर रोल रहा... खासतौर पर आर अश्विन की फिरकी कंगारुओं के लिए किसी काल से कम साबित नहीं हुई... अश्विन ने सीरीज़ में सबसे ज्यादा 29 विकेट हासिल किए... और मैन ऑफ द सीरीज़ भी बने।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज़ में चली ये टीम इंडिया के फिरकी के फनकार...यानि आर.अश्विन की आंधी ही थी...जिसने पूरी सीरीज़ के दौरान कंगारूओं की कमर तोड़े रखी...पहले घमासान से लेकर आखिरी मुकाबले तक अश्विन की मार से कंगारू थर्राते ही नज़र आए...
ज़रा इन आंकड़ों पर नजर डालिए
सीरीज़ के पहले यानि चेन्नई टेस्ट में आर.अश्विन ने कुल 12 कंगारूओं का शिकार किया...हैदराबाद में अश्विन ने 6 विकेट झटके...और मोहाली में फिरकी के इस उस्ताद को 4 विकेट हासिल हुए...और कोटला में तो कंगारूओं पर अश्विन सबसे बड़ी आफत बन कर टूटे...सीरीज़ के आखिरी टेस्ट में अश्विन ने 7 विकेट झटक...सीरीज़ में अपनी विकेटों की संख्या...29 तक पहुंचा दी...
कंगारूओं के खिलाफ फिरकी के उस्ताद..यानि आर.अश्विन के आंतक की यही वो कहानी रही...जिसने बल्लेबाज़ों के बोलबाले के बीच...खुद की ऐसी कहानी लिखी...जिसकी वजह से उन्हें इस ऐतिहासिक सीरीज़ के बीच मैन ऑफ द सीरीज़ के खिताब से नवाज़ा गया...
ज़ाहिर है...कंगारूओं के खिलाफ चेन्नई से शुरु हुए आर.अश्विन के सफर ने... दिल्ली तक आते-आते भारतीय स्पिन के इतिहास में वो इम्तिहान पास किया...जिसके बाद ये कहा जा सकता है...कि भारतीय क्रिकेट में फिरकी के फनकार रहे कुंबले और हरभजन सिंह जैसे दिग्गजों की विरासत सही हाथों में है...जिसकी सबसे बड़ा उदहारण...आर.अश्विन की उड़ान के रुप में दुनिया के सामने है।
लेखक
रजनीश कुमार
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