
साल 2010 के शर्मनाक लम्हेंबीते साल अगर प्रदर्शन के लिहाज़ से टीम इंडिया अव्वल रही ... तो ऐसा नहीं था कि उसके हिस्से में नाकामियां नहीं आईं । हालांकि नाकामयाबियों की ये फेहरिस्त छोटी थी ... लेकिन इसमें शामिल था ... वेस्टइंडीज़ में खेला गया फटाफट क्रिकेट का सबसे बड़ा महाकुंभ ... ट्वेंटी-20 वर्ल्डकप।
ट्वेंटी-20 वर्ल्डकप में हुए शर्मसार
ढेढ महीने तक आईपीएल में पसीना बहाने औऱ ... खुद को मिली थकावट को लेकर टीम इंडिया मई महीने में पहुंची वेस्टइंडीज़। जहां लीग राउंड में ही बाहर होने के बाद ... धोनी ब्रिगेड को 2009 की तरह ज़िल्लत का सामना करना पड़ा। ट्वेंटी-20 के स्पेशलिस्ट खिलाड़ियों से भरी टीम इंडिया ... वर्ल्डकप में जीत की सबसे मज़बूत ... दावेदारों में से एक मानी जा रही थी। पिछसे दो साल के दौरान खेले गए आईसीसी इवेंट्स में ... ये धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया को मिली ... लगातार तीसरी हार थी।
जिम्बाब्वे में करारी हार
साल 2010 में टीम इंडिया के हाथ एक और नाकामी तब लगी ... जब टीम इंडिया ने जिम्बाब्वे का दौरा किया। ट्वेंटी-20 वर्ल्ड कप के बाद सेलेक्टर्स ने टीम के सीनियर खिलाड़ियों को ... जिम्बाब्वे ट्राई सीरीज़ के लिए आराम का मौका दिया। टीम की कप्तानी रही सुरेश रैना के हाथ में ... लेकिन सेलेक्टर्स का ये experiment तब बुरी तरह fail हो गया जब ज़िम्मबॉब्वे जैसी कमज़ोर टीम भी ... रैना के रणवीरों पर इक्कीस साबित हुई। पूरी सीरीज़ में टीम इंडिया ने 4 मैच खेले ... जिसमें से उसे 3 मैचों में हार का सामना करना पड़ा ।
अफ्रीका में टूटी उम्मीद
टीम इंड़िया के लिए साल 2010 का ... आखिरी इम्तिहान रहा साउथ अफ्रीका में । हालांकि सीरीज़ में टीम इंडिया टेस्ट की नंबर-1 टीम के तौर पर शिरकत कर रही थी ... लेकिन बदकिस्मती ये रही ... कि पहले की तरह एक बार फिर ... उसकी हार का सिलसिला जारी रहा। सेंचुरियन औऱ डरबन में एक ही कहानी बार-बार देखने को मिली ... और अफ्रीकी गेंदबाज़ों की रफ्तार के सामने भारतीय बल्लेबाज़ों ने घुटने टेक दिए। नतीजा ये रहा कि सीरीज़ का आखिरी टेस्ट आने से पहले ही मेहमान ... मेज़बानों के हाथों सीरीज़ गंवा चुके थे।
स्पोर्ट्स खबर


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